वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग,
२३ दिसंबर, २०१८
जयपुर
प्रसंग:
जीवन में बदलाव के लिए प्रेम की आवश्यकता क्यों होती है?
क्या समर्पण बिना प्रेम के नहीं हो सकता?
असली प्रेम को कैसे जानें?
क्या मुक्ति गुरु के प्रेम के बिना संभव नहीं है?
ख़ुद को मिटाने से क्या मतलब है?
क्या साधना में ख़ुद को मिटाना पड़ता है?
संगीत: मिलिंद दाते